अजमेर.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय गहलोत ने बताया कि विभाग द्वारा प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को तेल की गुणवत्ता मौके पर जांचने के लिए टी पी सी मीटर दिए गए हैं। टीम ने कचोरी, समोसे, नमकीन की दुकानों पर टी पी सी मीटर से उपयोग में लिए जा रहे खाद्य तेल की जांच की।
नियमानुसार टीपीसी यानि टोटल पोलर कंपाउंड्स की रीडिंग अधिकतम 25 हो सकती है। इस से ज्यादा होने पर तेल खाने योग्य नहीं रहता।
तेल को बार बार गर्म करने और लगातार उपयोग में लेने से इसमें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ट्रांस फैट और अनेक प्रकार के अन्य पदार्थ बन जाते हैं। विक्रेताओं को बताया गया कि तेल को किस प्रकार उपयोग में लेना है और खराब हो चुके तेल को इकठ्ठा कर निर्धारित एजेंसी को ही विक्रय करना है जो कि इस तेल से बायो फ्यूल तैयार करते हैं। चांग गेट अंदर स्थित मैसर्स बाबा नमकीन भंडार एवं शांति टावर के पास स्थित मैसर्स लोकेश कचोरी वाला से कचोरी तैयार करने में उपयोग में लिए जा रहे तेल की विस्तृत जांच हेतु सैंपल लिए गए। जिन दुकानों पर तेल की जांच की गई उनमें तेल का टी पी सी 25 से कम रहा। एक अन्य कार्रवाई में शिकायत के आधार पर बुरड़ मार्केट स्थित मैसर्स गोपाल जी प्रभातीलाल से मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर के नमूने लिए गए। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर खाद्य सुरक्षा एवम् मानक अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी,अजय गोयल सहायक राजकुमार इंदौरिया शामिल रहे।