पनामा नहर का इस्तेमाल करने के लिए अमेरिका से अनुचित शुल्क वसूला जा रहा है: डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन
दूसरी बार राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप के विवादित बयानों ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हालिया बयान में ग्रीनलैंड को खरीदने, पनामा नहर पर कब्जा वापस लेने और मजाकिया अंदाज में कनाडा को अमेरिका में शामिल करने की इच्छा जताई है। उनके इन बयानों ने न केवल वैश्विक तनाव बढ़ा दिया है, बल्कि विश्व नेताओं को भी भ्रमित कर दिया है कि ट्रंप अपने बयानों में गंभीर हैं या यह उनकी सुर्खियां बटोरने की रणनीति है।

ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर ट्रंप के बयान
ट्रंप ने हाल ही में एक रूढ़िवादी सम्मेलन में कहा कि पनामा नहर का इस्तेमाल करने के लिए अमेरिका से "अनुचित शुल्क" वसूला जा रहा है। उन्होंने धमकी दी कि अगर यह "लूट" बंद नहीं होती है, तो वे पनामा नहर को अमेरिका के नियंत्रण में वापस लेने की मांग करेंगे। हालांकि, उन्होंने इसे हासिल करने का तरीका स्पष्ट नहीं किया। पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने ट्रंप के बयान पर कड़ा जवाब देते हुए कहा, "पनामा नहर और उसका आस-पास का क्षेत्र हमारे देश का हिस्सा है और ऐसा ही रहेगा।" इसके अलावा, ग्रीनलैंड पर भी ट्रंप ने कुछ ऐसा कह दिया है जिससे तनाव बढ़ सकता है। ट्रंप ने इसे "अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यावश्यक" बताते हुए एक बार फिर इस क्षेत्र को खरीदने की इच्छा व्यक्त की। ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री मूटे एगडे ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है और कभी नहीं होगा।"

राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की ये टिप्पणियां उनके "अमेरिका फर्स्ट" दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जिसमें वे अमेरिकी व्यापार और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को लेकर विदेश नीति में आक्रामक रवैया अपनाना चाहते हैं। पनामा नहर पर चीन के बढ़ते प्रभाव का हवाला देते हुए, ट्रंप ने कहा कि नहर की तटस्थता सुनिश्चित करना अमेरिकी हित में है। चीन इस नहर का दूसरा सबसे बड़ा इस्तेमाल करने वाला देश है। यही वजह है कि चीन ने हाल के वर्षों में पनामा में बड़े आर्थिक निवेश किए हैं। ग्रीनलैंड के संबंध में, अमेरिका वहां पिटुफिक स्पेस बेस का संचालन करता है। ग्रीनलैंड प्राकृतिक संसाधनों, विशेष रूप से दुर्लभ खनिजों और तेल के लिए समृद्ध है, और आर्कटिक सर्कल में व्यापार के लिए एक रणनीतिक स्थान पर स्थित है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगामी चुनौतियां
डेनमार्क ने ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की है और ग्रीनलैंड के लिए अपने रक्षा बजट में भारी वृद्धि की घोषणा की है। ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट ने भी विवादों को हवा दी है। उन्होंने "ट्रुथ सोशल" पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें अमेरिकी झंडा पनामा नहर के बीच में लहराता हुआ दिख रहा है। उनके बेटे एरिक ट्रंप ने एक्स (ट्विटर) पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें ग्रीनलैंड, पनामा नहर और कनाडा को एक ऑनलाइन शॉपिंग कार्ट में जोड़ा गया दिखाया गया है।

ग्रीनलैंड और पनामा नहर क्या है?
ग्रीनलैंड- ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है, जो आर्कटिक और अटलांटिक महासागरों के बीच स्थित है। यह डेनमार्क के अधीन एक स्वायत्त क्षेत्र है। इसकी भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधनों के कारण यह रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भौगोलिक स्थिति: ग्रीनलैंड का अधिकांश भाग बर्फ से ढका हुआ है, और इसका आर्कटिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है।

प्राकृतिक संसाधन: यहां दुर्लभ खनिज, तेल और गैस के बड़े भंडार पाए जाते हैं।

सैन्य महत्व: अमेरिका का पिटुफिक स्पेस बेस (Thule Air Base) ग्रीनलैंड में स्थित है, जो सैन्य और अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए अहम है।

राजनीतिक स्थिति: ग्रीनलैंड डेनमार्क का हिस्सा है, लेकिन इसके लोग स्वायत्त शासन का आनंद लेते हैं।

पनामा नहर- पनामा नहर एक कृत्रिम जलमार्ग है, जो मध्य अमेरिका में स्थित पनामा देश के जरिए अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ता है।

इतिहास: यह नहर 1914 में अमेरिका द्वारा बनाई गई थी और 1999 तक अमेरिकी नियंत्रण में रही। 1977 के समझौते के तहत इसे पनामा को सौंप दिया गया।
महत्व:

यह वैश्विक व्यापार का एक प्रमुख केंद्र है। जहाजों को दक्षिण अमेरिका के चारों ओर यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे समय और ईंधन की बचत होती है।

चीन का प्रभाव: हाल के वर्षों में चीन ने पनामा में बड़े निवेश किए हैं, जिससे यह नहर भू-राजनीतिक विवादों का हिस्सा बन गई है।

वर्तमान स्थिति: नहर का संचालन और स्वामित्व पनामा के पास है, और यह देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ है।

ग्रीनलैंड और पनामा नहर, दोनों ही क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों, भू-राजनीतिक स्थिति, और वैश्विक व्यापार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यही कारण है कि इन पर नियंत्रण के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बनते रहते हैं। ट्रंप का यह आक्रामक रवैया उनकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने इसी तरह के बयानों और कदमों से अपने समर्थकों के बीच लोकप्रियता हासिल की थी। अब यह देखना बाकी है कि 20 जनवरी को पदभार संभालने के बाद उनके बयान हकीकत में बदलते हैं या सिर्फ चुनावी रणनीति तक सीमित रहते हैं।

  • admin

    Related Posts

    सुवेंदु अधिकारी बांग्लादेशी आतंकियों के निशाने पर, हत्या के लिए हो सकता है IED का इस्तेमाल’, BJP नेता का दावा

    कोलकाता बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुवेंदु अधिकारी बांग्लादेशी आतंकियों के निशाने पर हैं। बांग्लादेश के दो आतंकी संगठन सुवेंदु की हत्या का षड्यंत्र रच…

    क्रिसमस पर आसमान से बरसी मौत, 700 मिसाइलों और 100 Drone से रूस ने Ukraine पर किया हमला, एक की मौत

    कीव रूस ने क्रिसमस पर यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। हमले में एक थर्मल पावर प्लांट क्षतिग्रस्त हो…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    26 दिसंबर को साल की आखिरी एकादशी के दिन चमकेगी इन 5 राशियों की किस्मत

    • By admin
    • December 25, 2024
    • 1 views
    26 दिसंबर को साल की आखिरी एकादशी के दिन चमकेगी इन 5 राशियों की किस्मत

    कोंस्टास वार्नर के क्लोन नहीं, बल्कि उनके स्वाभाविक उत्तराधिकारी हैं: चैपल

    • By admin
    • December 25, 2024
    • 0 views
    कोंस्टास वार्नर के क्लोन नहीं, बल्कि उनके स्वाभाविक उत्तराधिकारी हैं: चैपल

    सिकलीगर सरकारी स्कूल के पास टपरी में चल रही थी अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री, पुलिस ने पकड़ी, हथियार बरामद

    • By admin
    • December 25, 2024
    • 1 views
    सिकलीगर सरकारी स्कूल के पास टपरी में चल रही थी अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री, पुलिस ने पकड़ी, हथियार बरामद

    पिछली यादगार जीत को दोहराने मेलबर्न उतरेगी भारतीय टीम

    • By admin
    • December 25, 2024
    • 0 views
    पिछली यादगार जीत को दोहराने मेलबर्न उतरेगी भारतीय टीम

    मैं सोच रही थी कि मेरी मां मेरे पहले वनडे शतक पर कितनी खुश होंगी: हरलीन

    • By admin
    • December 25, 2024
    • 1 views
    मैं सोच रही थी कि मेरी मां मेरे पहले वनडे शतक पर कितनी खुश होंगी: हरलीन

    हरसूद में आयोजित हुआ किन्नर महासम्मेलन, देशभर से आए 5 हजार किन्नरों ने निकाली शोभायात्रा

    • By admin
    • December 25, 2024
    • 0 views
    हरसूद में आयोजित हुआ किन्नर महासम्मेलन, देशभर से आए 5 हजार किन्नरों ने निकाली शोभायात्रा