बाड़मेर
पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले का नाम अक्सर वीरों की भूमि, युद्धों की कहानियों और थार की शौर्यगाथाओं के कारण सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस सीमांत इलाके की पहचान केवल वीरता तक सीमित नहीं है. यहां की रेगिस्तानी धरती में एक ऐसा प्राकृतिक खजाना छिपा है जिसकी मांग दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है. अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे विकसित देश तक इसके दीवाने हो चुके हैं. इस मिट्टी का उपयोग चेहरे की खूबसूरती निखारने से लेकर बालों की मजबूती तक के लिए किया जाता है. स्थानीय लोग तो वर्षों से इस पारंपरिक मिट्टी पर भरोसा करते आए हैं, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय ब्यूटी उद्योग भी इसे अपने उत्पादों में खास जगह देने लगा है.
बाड़मेर समेत आसपास के क्षेत्रों में मिलने वाली मुल्तानी मिट्टी दिखने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन इसके गुण इसे खास बनाते हैं. चेहरे पर लगाने से स्किन ग्लो करती है और टाइट होती है, जबकि बालों पर लगाने से वे घने, काले और रेशमी बन जाते हैं. यही कारण है कि देसी बाजारों से निकलकर मुल्तानी मिट्टी अब अंतरराष्ट्रीय ब्यूटी ब्रांडों की पहली पसंद बन चुकी है. विदेशों में इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि कई जगह इसे प्रीमियम स्किन केयर प्रोडक्ट्स में शामिल किया जा रहा है.
बाड़मेर में 20–30 रुपये किलो, विदेशों में कई गुना महंगी
थार के धोरों में मिलने वाली यह मुल्तानी मिट्टी स्थानीय बाजारों में 20 से 30 रुपये प्रति किलो में आसानी से मिल जाती है. लेकिन जब यही मिट्टी अमेरिका, जापान और यूरोप के बाजारों में पहुंचती है तो इसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है. विदेशों में इसे नेचुरल स्किन क्लेंज़र और ब्यूटी इंग्रेडिएंट के रूप में बेचा जाता है, जहां इसका मूल्य प्रीमियम श्रेणी में माना जाता है. बाड़मेर की मिट्टी की खासियत यही है कि इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती है, जिसके कारण विदेशी उपभोक्ताओं के बीच इसकी मांग तेजी से बढ़ी है.
अब अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी कर रहीं हैं इस्तेमाल
बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां मुल्तानी मिट्टी को फेस मास्क, स्किन केयर किट और स्पा ट्रीटमेंट जैसे उत्पादों में शामिल कर रही हैं. मुल्तानी मिट्टी नेचुरल स्किन क्लेंज़र, ऑयल कंट्रोल एजेंट, टॉक्सिन एब्ज़ॉर्बर और आयुर्वेदिक ब्यूटी इंग्रेडिएंट के रूप में बेहद लोकप्रिय हो चुकी है. खास बात यह है कि यह 100 फीसदी प्राकृतिक होती है और किसी भी रसायन से मुक्त रहती है, जिससे यह संवेदनशील त्वचा के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है. यही वजह है कि केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट्स से दूरी बनाने वाले देशों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है.
थार की मिट्टी का विदेशी क्रेज क्यों बढ़ रहा है
बाड़मेर और आसपास का इलाका सदियों से मुल्तानी मिट्टी के लिए जाना जाता है. यहां की मिट्टी में प्राकृतिक मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है जो त्वचा के लिए लाभकारी मानी जाती है. यही मिनरल्स स्किन टाइटनिंग, ग्लो बढ़ाने और त्वचा को साफ रखने में कारगर होते हैं. आयुर्वेदिक उपचारों में मुल्तानी मिट्टी का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है और आधुनिक बाजार भी अब इसकी क्षमता को समझने लगा है.
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी इतनी डिमांड क्यों है
अमेरिका और जापान जैसे देशों में नेचुरल स्किन केयर प्रोडक्ट्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. वहां के उपभोक्ता केमिकल युक्त उत्पादों से दूरी बनाते हुए मिट्टी और जड़ी-बूटी आधारित उत्पादों की ओर बढ़ रहे हैं. बाड़मेर की मुल्तानी मिट्टी का टेक्सचर और उच्च गुणवत्ता वाले मिनरल्स इसे अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए उपयुक्त बनाते हैं. विदेशों में इसका प्रयोग फेस मास्क, स्पा थेरेपी, स्किन केयर सेट और कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में खूब किया जा रहा है.









