2014 में मोदी सरकार बनने के बाद पहली बार सरकारों के एजेंडे में खेती-किसानों का हित : मुख्यमंत्री

 

लखनऊ,

पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य बढ़ोतरी के ऐतिहासिक निर्णय से उत्साहित प्रदेश के गन्ना किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिवादन किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद पहली बार खेती और किसानों का हित सरकारों के एजेंडे में आया है। जिस मिट्टी में फसल पैदा होती है, उसके सेहत ही सुधि किसी को नहीं थी परंतु मोदी जी ने स्वॉयल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था की। पीएम किसान सम्मान निधि ने रोजमर्रा के काम के लिए साहूकारों के जाल से किसानों को मुक्ति दिलाई है।

अब सीधे बैंक अकाउंट में जा रहा पैसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में सरकार बनने के पहले दिन ही हमने 86 लाख किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा किया। बीते साढ़े 08 वर्षों में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित की गई है। तब भी मेहनत किसान की, फसल किसान की, लेकिन मुनाफा बिचौलियों को मिलता था। हमने इस व्यवस्था को बदला और आज जिसका खेत, उसी से खरीद करते हुए सीधा उसके बैंक अकाउंट में पैसा जा रहा है।

पहले की सरकारों में बंद और बिक रही थीं चीनी मिलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसानों का अपमान करके कोई देश या राज्य कभी उन्नति नहीं कर सकता। चौधरी चरण सिंह कहते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता किसानों के खेत से होकर जाता है, लेकिन पूर्व की सरकारों ने किसानों की उपेक्षा की और नतीजा उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य हो गया। प्रदेश को बीमारू बनाने के पीछे सत्ता के लोगों की बीमार मानसिकता थी। उन्हें अपने परिवार की चिंता थी। पहले की सरकारों में चीनी मिल बंद हो रही थीं, बिक रहीं थीं। हमने यह रोका। आज 08 वर्ष बाद 4 नई चीनी मिलें स्थापित हुईं। 6 बंद मिलें पुनः शुरू हुईं और 42 मिलों में क्षमता विस्तार हुआ। 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई और 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र स्थापित किया गया। 122 चीनी मिलें चल रही हैं और इनमें 105-106 ऐसी हैं, जो एक सप्ताह में गन्ना खरीद का भुगतान कर रही हैं। यही नहीं, अब तो हम शुगर कॉम्प्लेक्स बनाने जा रहे हैं।

गन्ना क्षेत्र में आ रहा नया निवेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना क्षेत्र में नया निवेश आ रहा है। गन्ना अब सीजनल नहीं रहा, वर्षपर्यंत का कार्यक्रम है। कहीं सीबीजी, कहीं डिस्टिलरी, कहीं कोजन प्लांट सब कुछ आगे बढ़ रहा है।  सम्मान तो सरकार का नहीं, अन्नदाता किसान का होना चाहिए, जिन्होंने यूपी को चीनी, गन्ना व एथेनाल उत्पादन में देश में नम्बर एक कर दिया है।

पिछली सरकारों के 10 वर्षों की तुलना में हमारी सरकार में 1,42,879 करोड़ रुपये अधिक भुगतान हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2007 से 2017 तक मात्र 1,47,346 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान हो सका था। 2017 से अब तक साढ़े 08 वर्ष में 2,90,225 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान हुआ। पिछली सरकारों के 10 वर्षों की तुलना में हमारी सरकार में 1,42,879 करोड़ रुपये अधिक भुगतान हुआ। सीएम ने कहा कि ढाई करोड़ लोग गन्ना सेक्टर से जुड़े हुये हैं। सरकार सबका ध्यान रखेगी। अन्नदाता किसान सहयोग करें, सरकार सब सुविधा उपलब्ध कराएगी।

चीनी मिलों के माध्यम से 10 लाख परिवारों को मिली आजीविका
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली से गन्ना पर्ची व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन हुई और बिचौलियों का राज खत्म किया गया। अब किसी को सिफारिश की जरूरत नहीं है। इसी तरह और तकनीकी नवाचार भी किये जायेंगे। अकेले चीनी मिलों के माध्यम से 10 लाख परिवारों को आजीविका मिली है। सरकार ने खांडसारी को भी प्रोत्साहित किया है। जहां जरूरत होगी, सीबीजी प्लांट लगेगा। चीनी मिल लगेगी, एथेनाल प्लांट लगेगा। सब होगा।

यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दूरदर्शी और किसान हितैषी निर्णय- लक्ष्मी नारायण
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि लगभग आठ वर्ष पहले गन्ना किसानों के बीच दो शब्द बहुत प्रचलित थे- ‘गन्ना माफिया’ और ‘घटतौली’। साढ़े आठ वर्ष के बाद ये दोनों शब्द आज उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के जीवन से पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं। तब ऐसे लोग निर्णय लेते थे, जिनका गन्ने से कोई लेना-देना नहीं था, आज तो एक प्रगतिशील किसान ही मुख्यमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक किसी भी सरकार ने अपने कार्यकाल में गन्ना मूल्य में 80 रुपये तक की वृद्धि नहीं की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का यह निर्णय दूरदर्शी और किसान हितैषी है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि योगी जी के नेतृत्व से पहले प्रदेश में गन्ना किसानों का एक ही काम रह गया था, आंदोलन करना। कारण भी स्पष्ट था, उनका भुगतान वर्षों तक लंबित रहता था। आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है। अब एक सप्ताह के भीतर भुगतान हो रहा है। किसानों को उत्तम गुणवत्ता का खाद, बीज और सिंचाई सुविधा मिल रही है। इसी का परिणाम है कि गन्ना क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। गन्ना किसानों को उन्नत तकनीक उपलब्ध कराने की दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का लाभ शीघ्र ही प्रदेश के किसानों तक पहुंचेगा।

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