कहां ठहर गया मानसून? मौसम विभाग ने जारी किया नया अपडेट, ग्वालियर समेत 15 जिलों में लू का अलर्ट

भोपाल 

मध्यप्रदेश में जून में सूरज के तीखे तेवर है। पिछले 3 दिन से नौतपा जैसी गर्मी है। मंगलवार को 28 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार रहा, जबकि नौगांव में सबसे ज्यादा 46.1 डिग्री पहुंच गया।

बुधवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, नीमच और मंदसौर में हीट वेव यानी, लू चलने की संभावना है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में तेज गर्मी रहेगी। दूसरी ओर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर और शहडोल में आंधी-बारिश होने का अलर्ट है।

नौगांव में पारा 46.1 डिग्री पहुंचा प्रदेश में मंगलवार को छतरपुर जिले का नौगांव में पारा सबसे ज्यादा 46.1 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। वहीं, नर्मदापुरम, गुना, खजुराहो, टीकमगढ़ और सागर में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रहा। मंगलवार को प्रदेश के 28 शहरों में तापमान 40 डिग्री या इससे ज्यादा रहा।

बड़े 5 शहरों में ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 43.4 डिग्री, उज्जैन में 43 डिग्री, जबलपुर में 42.5 डिग्री और इंदौर में 40.4 डिग्री रहा। नौगांव के बाद नर्मदापुरम में पारा सबसे ज्यादा 45.9 डिग्री रहा। गुना-खजुराहो में 45.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 45.2 डिग्री, सागर में 45 डिग्री दर्ज किया गया। शिवपुरी में 44 डिग्री रहा। दमोह, शाजापुर, सतना और रतलाम में 43 डिग्री के पार तापमान पहुंच गया। बाकी शहरों में पारा 40 डिग्री से ज्यादा ही रहा। सिर्फ पचमढ़ी में सबसे कम 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

एक दिन के ब्रेक के बाद फिर बारिश इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। प्रदेश में 26 अप्रैल से आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो 7 जून को भी जारी रहा। यानी, लगातार 43 दिन से प्रदेश के किसी न किसी जिले में पानी गिरा या आंधी चली। 44वें दिन रविवार को आंधी-बारिश का दौर थमा रहा, लेकिन अगले ही दिन इंदौर, खरगोन, बालाघाट और डिंडौरी में हल्की बारिश हुई। मंगलवार को भी बालाघाट, डिंडौरी, इंदौर, उज्जैन, शहडोल, अनूपपुर, मंडला में मौसम बदला। यहां गरज-चमक और बूंदाबांदी हुई।

अगले 2 दिन लू का अलर्ट मौसम विभाग ने अगले 2 दिन यानी, 11 और 12 जून को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। 13 जून से फिर से बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। हालांकि, जिन जिलों में बारिश नहीं होगी, वहां गर्मी का असर बना रहेगा।

मानसून की एंट्री 15 जून के बाद पिछले 13 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री लेट हो रही है। अगले 3 से 4 दिन तक मानसून के आगे बढ़ने की संभावना कम ही है। यानी, मानसून 15 जून तक प्रदेश में प्रवेश कर सकता है।

मध्यप्रदेश में गर्मी अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। नौतपा बीतने के एक हफ्ते बाद भीषण गर्मी ने दस्तक दी है। इतनी गर्मी तो 25 मई से 3 जून तक चले नौतपा में भी नहीं हुई। राजधानी भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, छतरपुर जैसे कई जिलों में सूरज ने तीखे तेवर दिखाए हैं। प्रदेश में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। मंगलवार को छतरपुर जिले का नौगांव में अधिकतम तापमान 46.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है।

ये जिले रहे सबसे गर्म

नौगांव के बाद नर्मदापुरम में पारा सबसे ज्यादा 45.9 डिग्री रहा। नर्मदापुरम, गुना, खजुराहो, टीकमगढ़ और सागर में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रहा। इस सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि तापमान एक साथ इतने शहरों में रिकॉर्ड हुआ हो। प्रदेश के 28 जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक दर्ज हुआ।
MP Weather: किस जिले में कितना रहा तापमान

प्रमुख जिलों का तापमान देखें तो ग्वालियर में 44.6 डिग्री सेल्सियस, भोपाल में 43.4 डिग्री, उज्जैन में 43 डिग्री, जबलपुर में 42.5 डिग्री, इंदौर में 40.4, खजुराहो—गुना में 45.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 45.2 डिग्री, सागर में 45 डिग्री, शिवपुरी में 44 डिग्री, दमोह, शाजापुर, सतना और रतलाम में 43 डिग्री के पार तापमान पहुंच गया। बाकी शहरों में पारा 40 डिग्री से ज्यादा ही रहा। हिल स्टेशन पचमढ़ी में सबसे कम 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
लू की चेतावनी

मौसम विशेषज्ञों ने बुधवार और गुरुवार को ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में लू चलने की चेतावनी जारी की है। हालांकि 12 जून से बारिश होने का अनुमान भी जताया गया है।
इसलिए बढ़ी गर्मी

दरअसल, पिछले 12 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में थम गया है। मानसून जितनी तेजी से आया, उसी रफ्तार से अटक भी गया। इस कारण मध्यप्रदेश में पहुंचने में अभी देर दिख रही है। इसके 15 जून को प्रदेश में प्रवेश करने का अनुमान है।
आंधी तूफान से कंटेनर पुल से गिरा

मौसम का एक अलग रंग धार जिले में दिखाई दिया। जहां आंधी तूफान के बीच एक अजीब हादसा हो गया। खलघाट में दोपहर अचानक आए तेज हवा-आंधी और तूफान के कारण एक मारुति गाड़ियों से भरा कंटेनर संजय सेतु पुल से असंतुलित होकर नीचे नर्मदा नदी में जा गिरा। तेज रफ्तार हवा के झोंकों के कारण कंटेनर गिर गया।

इस साल मई में टूटे रिकॉर्ड, गर्मी की बजाय आंधी-बारिश पूरे मई महीने में आंधी, बारिश और ओले वाला मौसम रहा। एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो। एमपी में ऐसा पहली बार हुआ। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीग गए। सिर्फ निवाड़ी ही ऐसा जिला रहा, जहां बूंदाबांदी तो हुई, लेकिन दर्ज नहीं हो सकी। दूसरी ओर, मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे। इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना।

इससे पहले इंदौर में साल 1886 के मई महीने में 107.7 मिमी यानी, 4.2 इंच पानी गिरा था, जबकि इस बार 114.8 मिमी यानी, 4.6 इंच पानी गिर गया है। इस तरह 139 साल में इंदौर का रिकॉर्ड टूट गया है। उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है। इस बार 111.8 मिमी यानी, 4.3 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। साल 2021 में कुल मासिक बारिश 65 मिमी (2.5 इंच) हुई थी। इस हिसाब से उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है।

दूसरी ओर, मई में अप्रैल जितनी गर्मी नहीं रही। अप्रैल में कई शहरों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था। इस साल मई में प्रदेश के किसी भी शहर में दिन का तापमान 43 डिग्री तक भी नहीं पहुंचा। नौतपा में भी कम ही गर्मी रही। नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी जैसे शहरों में ही पारा 40 डिग्री के पार पहुंचा। बाकी शहरों में इससे काफी नीचे रहा।

क्यों रहा ऐसा मौसम? मई में भीषण गर्मी की बजाय आंधी-बारिश होने के पीछे क्या वजह रही? इसके बारे में मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्रन ने जाना। उन्होंने बताया कि मई की शुरुआत से आखिरी तक प्रदेश में साइक्लोनिक सकुर्लेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और ट्रफ की एक्टिविटी देखने को मिली। लगातार सिस्टम एक्टिव होते रहे। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर भी चलता रहा। आखिरी दिन भी कुछ जिलों में मौसम बदला रहा।

जून में ऐसा रहेगा रहेगा मौसम जून में कैसा मौसम रहेगा? इसे लेकर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी है। इस वजह से अगले चार दिन यानी, 12 जून तक आंधी-बारिश का अलर्ट है। कई शहरों में दिन-रात के पारे में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ जिलों में आंधी-बारिश हो रही है तो कई में गर्मी का असर है। सोमवार को कई शहरों में दिन का तापमान गर्मी का असर रहा और पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया।

इधर, मानसून 15 जून के बीच प्रदेश में प्रवेश कर सकता है। यदि पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो मानसून के एंटर होने से पहले प्रदेश में तेज गर्मी का असर रहता है। सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल गर्म रहता है, जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग भी जमकर तपते हैं। जून के आखिरी दिनों में ही टेम्प्रेचर से थोड़ी राहत मिलने लगती है। हालांकि, जून में रात का टेम्प्रेचर 8 से 10 डिग्री तक लुढ़क जाता है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है।

अब जानिए, 10 साल में कैसा रहा मौसम…

भोपाल में 15 जून तक तेज गर्मी राजधानी में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही ट्रेंड है। पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा। 4 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। वहीं, रात का टेम्प्रेचर 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी।

वहीं, पिछले साल 2024 में पूरे महीने 10.9 इंच पानी गिरा था। 10 साल में दूसरी बार इतनी बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में करीब 5 इंच पानी बरसा था।

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