भीलवाड़ा।
भीलवाड़ा पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। केरल में 59 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित आरोपी कैलाश लाल कीर को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत की गई।
आरोपी का नाम साइबर फ्रॉड के कुल 28 मामले में सामने आये हैं, जिनमें 12 करोड़ 40 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी दर्ज की गई है। भीलवाड़ा के एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव के निर्देशन में कारोई थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की। आईपीएस प्रोबेशनर जतिन जैन के नेतृत्व में साइबर पुलिस थाना त्रिशूर सिटी, केरल के मामले में आरोपी कैलाश लाल कीर पुत्र गोपी लाल कीर, निवासी गाडरमाला, थाना कारोई, जिला भीलवाड़ा को गिरफ्तार किया गया। भीलवाड़ा के एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि कैलाश कीर ने आरके फार्मिंग ग्रुप के नाम से बैंक खाते खोलकर साइबर ठगी को अंजाम दिया। दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सहित 12 राज्यों में 28 साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं में उसकी संलिप्तता पाई गई है। इन मामलों में कुल 12 करोड़ 40 लाख रुपये से अधिक की राशि की ठगी की पुष्टि हुई है। संबंधित राज्यों की पुलिस को इन शिकायतों की जानकारी दे दी गई है। आरोपी का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ है, जो साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को उजागर करता है। इस सफलता में जिला स्तर पर गठित विशेष टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम में जतिन जैन (आईपीएस प्रोबेशनर), कांस्टेबल अंकित यादव (साइबर सेल, भीलवाड़ा), लक्ष्मीनारायण (थानाधिकारी, कारोई थाना) और कांस्टेबल विक्रम शामिल थे। टीम ने साइबर अपराधियों पर निगरानी रखते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया।
एसपी की अपील-सतर्क रहें, जागरूक बनें
भीलवाड़ा एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के प्रलोभन में आकर अपना मोबाइल नंबर, बैंक खाता या अन्य व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी साझा न करें। साइबर अपराधी इन सूचनाओं का उपयोग ठगी के लिए करते हैं, जिससे आपको आर्थिक नुकसान और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एसपी ने यह भी बताया कि पुलिस लगातार संदिग्ध बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की निगरानी कर रही है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। जागरूकता और सतर्कता से ही साइबर अपराधों को रोका जा सकता है।