पूरे विश्व को महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं ग्रहण कर शांति की राह पर चलना चाहिए: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि पूरे विश्व को महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं ग्रहण कर शांति की राह पर चलना चाहिए, क्योंकि दुनिया को युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में समाधान मिल सकता है। श्री मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस और पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने के लिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया अस्थिरता से ग्रस्त है, बुद्ध न केवल प्रासंगिक हैं, बल्कि एक जरूरत भी हैं।
उन्होंने कहा, “मैं आज अभिधम्म पर्व पर पूरे विश्व का आवाहन करता हूं- बुद्ध से सीखिए…युद्ध को दूर करिए…शांति का पथ प्रशस्त करिए…क्योंकि, बुद्ध कहते हैं- “नत्थि-संति-परम-सुखं” अर्थात्, शांति से बड़ा कोई सुख नहीं है।”उन्होंने कहा, “नही वेरेन वैरानि सम्मन्तीध कुदाचनम्, अवेरेन च सम्मन्ति एस धम्मो सनन्ततो” अर्थात वैर से वैर, दुश्मनी से दुश्मनी शांत नहीं होती। वैर अवैर से, मानवीय उदारता से खत्म होता है। बुद्ध कहते हैं- “भवतु-सब्ब-मंगलम्”।। यानी, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो- यही बुद्ध का संदेश है, यही मानवता का पथ है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश अपनी विरासत को अपनी पहचान से जोड़ता है, लेकिन भारत इस मामले में बहुत पीछे रह गया है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले आक्रमणकारियों ने भारत की पहचान को मिटाने की कोशिश की। बाद में गुलाम मानसिकता से ग्रसित लोगों ने ऐसा किया। आजादी के बाद एक ऐसे समूह ने देश पर कब्जा कर लिया, जो इसे अपनी विरासत की विपरीत दिशा में ले गया।
उन्होंने कहा कि पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देना भगवान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान है। भाषा सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है। पाली भाषा को जिंदा रखना, भगवान बुद्ध के शब्दों को जिंदा रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, “अभिधम्म दिवस हमें याद दिलाता है कि करुणा और सद्भावना से ही हम दुनिया को और बेहतर बना सकते हैं। इससे पहले 2021 में कुशीनगर में ऐसा ही आयोजन हुआ था। वहां उस आयोजन में भी मुझे शामिल होने का सौभाग्य मिला था और ये मेरा सौभाग्य है कि भगवान बुद्ध के साथ जुड़ाव की जो यात्रा मेरे जन्म के साथ ही शुरू हुई है, वो अनवरत जारी है। मेरा जन्म गुजरात के उस वडनगर में हुआ, जो एक समय बौद्ध धर्म का महान केंद्र हुआ करता था। उन्हीं प्रेरणाओं को जीते-जीते मुझे बुद्ध के धम्म और शिक्षाओं के प्रसार के इतने सारे अनुभव मिल रहे हैं।”
श्री मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में भारत के ऐतिहासिक बौद्ध तीर्थ-स्थानों से लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों तक नेपाल में भगवान बुद्ध की जन्मस्थली के दर्शन, मंगोलिया में उनकी प्रतिमा के अनावरण से लेकर श्रीलंका में वैशाख समारोह तक….मुझे कितने ही पवित्र आयोजनों में शामिल होने का अवसर मिला है। मैं मानता हूँ, संघ और साधकों का ये संग, ये भगवान बुद्ध की कृपा का ही परिणाम है। मैं आज अभिधम्म दिवस के इस अवसर पर भी आप सभी को और भगवान बुद्ध के सभी अनुयायियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूँ। आज शरद पूर्णिमा का पवित्र पर्व भी है। आज ही, भारतीय चेतना के महान ऋषि वाल्मीकि जी की जन्म जयंती भी है। मैं समस्त देशवासियों को शरद पूर्णिमा और वाल्मीकि जयंती की भी बधाई देता हूं”
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अभिधम्म दिवस के आयोजन के एक साथ, एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी जुड़ी है। भगवान बुद्ध के अभिधम्म, उनकी वाणी, उनकी शिक्षाएँ, जिस पाली भाषा में ये विरासत विश्व को मिली हैं, इसी महीने भारत सरकार ने उसे क्लासिकल लैंग्वेज (शास्त्रीय भाषा) का दर्जा दिया है। इसलिए, आज ये अवसर और भी खास हो जाता है। पाली शास्त्रीय भाषा का ये दर्जा, पाली भाषा का ये सम्मान भगवान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान है।
श्री मोदी ने कहा, “आप सभी जानते हैं, अभिधम्म धम्म के निहित है। धम्म को, उसके मूल भाव को समझने के लिए पाली भाषा का ज्ञान आवश्यक है। धम्म यानी, बुद्ध के संदेश, बुद्ध के सिद्धान्त…धम्म यानी, मानव के अस्तित्व से जुड़े सवालों का समाधान…धम्म यानी, मानव मात्र के लिए शांति का मार्ग…धम्म यानी, बुद्ध की सर्वकालिक शिक्षाएँ…..और, धम्म यानी, समूची मानवता के कल्याण का अटल आश्वासन! पूरा विश्व भगवान बुद्ध के धम्म से प्रकाश लेता रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से पाली जैसी प्राचीन भाषा, जिसमें भगवान बुद्ध की मूल वाणी है, आज सामान्य प्रयोग में नहीं है। भाषा केवल संवाद का माध्यम भर नहीं होती। भाषा सभ्यता और संस्कृति की आत्मा होती है। हर भाषा से उसके मूल भाव जुड़े होते हैं। इसलिए, भगवान बुद्ध की वाणी को उसके मूल भाव के साथ जीवंत रखने के लिए पाली को जीवंत रखना, ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि हमारी सरकार ने बड़ी नम्रता पूर्वक ये ज़िम्मेदारी निभाई है। भगवान बुद्ध के करोड़ों अनुयायियों को, उनकी लाखों भिक्षुकों की अपेक्षा को पूरा करने का हमारा नम्र प्रयास है। मैं इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए भी आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। भाषा, साहित्य, कला, आध्यात्म…,किसी भी राष्ट्र की ये धरोहरें उसके अस्तित्व को परिभाषित करती हैं। इसीलिए, आप देखिए, दुनिया के किसी भी देश में कहीं कुछ सौ साल पुरानी चीज भी मिल जाती है, तो उसे पूरी दुनिया के सामने गर्व से प्रस्तुत करता है।”

admin

Related Posts

जनता बनाम सरकार: भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद बुल्गारियाई पीएम ने गंवाई सत्ता

बुल्गारिया बुल्गारिया में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए हैं। बुल्गारिया की सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर लोगों का गुस्सा फूटा है। बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में…

मुद्रास्फीति पर ब्रेक! नवंबर की खुदरा महंगाई दर सिर्फ 0.71% रही

नई दिल्ली  भारत में खुदरा महंगाई दर नवंबर में 0.71 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर की महंगाई दर 0.25 प्रतिशत से 46 आधार अंक अधिक है। यह जानकारी सांख्यिकी…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

खेल

SMAT में नीतीश की हैट्रिक ने मचाया तहलका, पाटीदार सहित तीन बल्लेबाज़ ढेर

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 1 views
SMAT में नीतीश की हैट्रिक ने मचाया तहलका, पाटीदार सहित तीन बल्लेबाज़ ढेर

रिटायरमेंट से वापसी क्यों की? क्विंटन डिकॉक का बड़ा खुलासा, भावुक बयान वायरल

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 1 views
रिटायरमेंट से वापसी क्यों की? क्विंटन डिकॉक का बड़ा खुलासा, भावुक बयान वायरल

गिल बनाम सैमसन विवाद गरमाया: इरफान पठान ने मैनेजमेंट की पोल खोली

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 1 views
गिल बनाम सैमसन विवाद गरमाया: इरफान पठान ने मैनेजमेंट की पोल खोली

न्यूजीलैंड की वेस्टइंडीज पर जीत से भारत को लगा झटका, WTC तालिका में पाकिस्तान से भी नीचे खिसका

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 2 views
न्यूजीलैंड की वेस्टइंडीज पर जीत से भारत को लगा झटका, WTC तालिका में पाकिस्तान से भी नीचे खिसका

जूनियर महिला हॉकी विश्व कप: कड़े मुकाबले में स्पेन से हार, भारत टॉप-10 की आखिरी पायदान पर

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 3 views
जूनियर महिला हॉकी विश्व कप: कड़े मुकाबले में स्पेन से हार, भारत टॉप-10 की आखिरी पायदान पर

टी20 ओपनर तुलना: शुभमन गिल और संजू सैमसन के प्रदर्शन का बारीक विश्लेषण

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 3 views
टी20 ओपनर तुलना: शुभमन गिल और संजू सैमसन के प्रदर्शन का बारीक विश्लेषण