The education officer of Porsa Tehsil has become careless, he comes at his own arbitrary time otherwise not.
मलखान सिंह परमार
मुरैना ! पोरसा छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए लंबी दूरी तक नहीं जाना पड़े और उसे आर्थिक परेशानी नहीं हो इसके चलते सरकार ने शासकीय विद्यालय खोले
पोरसा तहसील के शासकीय माध्यमिक विद्यालय डोडरी में लेट आते हैं इसकी जानकरी मिली तो आज जाकर जब देखा तो क्या नजर आया की शासन के नियमों की अवहेलना की जा रही है और शासन की अवहेलना करना तो कोई सरकारी शिक्षक से सीखे आज पोरसा में तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव डोडरी में जाकर देखा तो स्कूल को बंद पाया गया और उसके भीतर की हालात अस्त-व्यस्त थी ऐसा लग रहा था जैसे सालों से नहीं खुला हो सफाई के नाम पर जीरो वहां पर हरी-भरी घास एक एक हाथ दो तीन फीट खड़ी हुई है पर शिक्षकों ने इसको सफाई के लिए किसी को कहा ही नहीं होगा शायद कहीं इसमें कोई घटना हो गई क्योंकि मिट्टी ऐसी है इसमें सांप का तो होना लाजमी है पर शर्मिंदगी तब महसूस होती है जब इन अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी यह लोग उसे पर ध्यान नहीं देते
बीआरसी पोरसा को कॉल किया गया जानकारी के लिए तो फोन नही उठाया गया है
एसडीएम साहब को फोन लगाया जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने भी कॉल रिसीव नहीं किया