शहडोल में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आज, अब तक मिले 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव

शहडोल
शहडोल में आज होने जा रही प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए अब तक 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं। इस समिट की तैयारियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा कि उद्योग लगाने के लिए जो निवेशक मध्यप्रदेश में आ रहे हैं, हम उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने देंगे। निवेशकों की सुविधा के लिए हर जिले में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर प्रारंभ किए गए हैं। जिला कलेक्टरों को इनका नोडल अधिकारी बनाया गया है।

स्टार्टअप के लिए युवाओं को मिलेगी मदद

प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई गई हैं। इसमें मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि शहडोल संभाग के तीनों जिला कलेक्टर को स्टार्ट-अप के लिए युवा उद्यमियों को तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार उन्हें स्व-रोजगार के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-2025 को प्रदेश में उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसी वर्ष फरवरी माह में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट भी होने जा रही है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहडोल में होने जा रही 7वी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अंतर्गत शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर के उद्योगपतियों के साथ वर्चुअल संवाद करते हुए कहा कि शहडोल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अब तक 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय उद्योगपतियों से संवाद करते हुए प्रदेश की औद्योगिक नीति एवं प्रावधानों और निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने के लिये जो निवेशक मध्यप्रदेश में आ रहे हैं, हम उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने देंगे। प्रदेश में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई गई है। इसमें मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। निवेशकों की सुविधा के लिये प्रत्येक जिले में 'इंवेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर' प्रारंभ किये गये हैं। कलेक्टर्स को इनका नोडल अधिकारी बनाया गया है।

खनिज, पर्यटन और उर्जा में निवेश पर फोकस

खनिज संपदा से भरपूर शहडोल जिला भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है और यहां की भूमि फायर क्ले, मीथेन गैस और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों से समृद्ध है। सोहागपुर कोलफील्ड, जो एशिया के सबसे बड़े कोयला भंडारों में से एक है, ऊर्जा उत्पादन और खनन उद्योगों के लिए शहडोल को रणनीतिक महत्व प्रदान करता है। यहां की वन संपदा, जैव विविधता और जैविक उत्पाद इसे वन आधारित उद्योगों और औषधीय उत्पादों के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान बनाती है। शहडोल की भौगोलिक स्थिति इसे औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। यह जिला मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से जोड़ता है। बेहतर सड़क और रेलवे नेटवर्क होने से यह क्षेत्र व्यापार और माल परिवहन के लिए उपयुक्त है। यह क्षेत्र औद्योगिक क्लस्टर के रूप में विकसित होने की क्षमता भी रखता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि शहडोल संभाग के तीनों जिलों में कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये है कि स्टार्ट-अप के लिए युवा उद्यमियों को तैयार करें। राज्य सरकार उन्हें स्व-रोजगार के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध करायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-2025 को प्रदेश में उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसी वर्ष फरवरी माह में भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर समिट भी होने जा रही है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है।

अब तक हुई RIC में प्राप्त निवेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न अंचलों में समान रूप से औद्योगिक विकास और रोजगार के सृजन के लिए अभिनव पहल करते हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव करने का निर्णय लिया। प्रदेश की पहली आरआईसी उज्जैन में 1-2 मार्च को हुई, जिसमें एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। दूसरी आरआईसी 20 जुलाई को जबलपुर में हुई, जिसमें 22 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसी क्रम में 28 अगस्त को ग्वालियर में तीसरी आरआईसी हुई, जिसमें 8 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। चौथी आरआईसी सागर में 27 सितंबर को हुई, जिसमें 23 हजार 181 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। पांचवी आरआईसी रीवा में 23 अक्टूबर को हुई, जिसमें 30 हजार 814 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रदेश की 6वीं आरआईसी नर्मदापुरम में 7 दिसम्बर 2024 को हुई, जिसमें 31 हजार 800 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

स्टार्टअप के लिए युवाओं को मिलेगी मदद

प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई गई हैं। इसमें मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि शहडोल संभाग के तीनों जिला कलेक्टर को स्टार्ट-अप के लिए युवा उद्यमियों को तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार उन्हें स्व-रोजगार के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-2025 को प्रदेश में उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसी वर्ष फरवरी माह में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट भी होने जा रही है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहडोल में होने जा रही 7वी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अंतर्गत शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर के उद्योगपतियों के साथ वर्चुअल संवाद करते हुए कहा कि शहडोल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अब तक 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय उद्योगपतियों से संवाद करते हुए प्रदेश की औद्योगिक नीति एवं प्रावधानों और निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने के लिये जो निवेशक मध्यप्रदेश में आ रहे हैं, हम उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने देंगे। प्रदेश में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई गई है। इसमें मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। निवेशकों की सुविधा के लिये प्रत्येक जिले में 'इंवेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर' प्रारंभ किये गये हैं। कलेक्टर्स को इनका नोडल अधिकारी बनाया गया है।

खनिज, पर्यटन और उर्जा में निवेश पर फोकस

खनिज संपदा से भरपूर शहडोल जिला भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है और यहां की भूमि फायर क्ले, मीथेन गैस और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों से समृद्ध है। सोहागपुर कोलफील्ड, जो एशिया के सबसे बड़े कोयला भंडारों में से एक है, ऊर्जा उत्पादन और खनन उद्योगों के लिए शहडोल को रणनीतिक महत्व प्रदान करता है। यहां की वन संपदा, जैव विविधता और जैविक उत्पाद इसे वन आधारित उद्योगों और औषधीय उत्पादों के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान बनाती है। शहडोल की भौगोलिक स्थिति इसे औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। यह जिला मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से जोड़ता है। बेहतर सड़क और रेलवे नेटवर्क होने से यह क्षेत्र व्यापार और माल परिवहन के लिए उपयुक्त है। यह क्षेत्र औद्योगिक क्लस्टर के रूप में विकसित होने की क्षमता भी रखता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि शहडोल संभाग के तीनों जिलों में कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये है कि स्टार्ट-अप के लिए युवा उद्यमियों को तैयार करें। राज्य सरकार उन्हें स्व-रोजगार के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध करायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-2025 को प्रदेश में उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसी वर्ष फरवरी माह में भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर समिट भी होने जा रही है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है।

अब तक हुई RIC में प्राप्त निवेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न अंचलों में समान रूप से औद्योगिक विकास और रोजगार के सृजन के लिए अभिनव पहल करते हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव करने का निर्णय लिया। प्रदेश की पहली आरआईसी उज्जैन में 1-2 मार्च को हुई, जिसमें एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। दूसरी आरआईसी 20 जुलाई को जबलपुर में हुई, जिसमें 22 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसी क्रम में 28 अगस्त को ग्वालियर में तीसरी आरआईसी हुई, जिसमें 8 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। चौथी आरआईसी सागर में 27 सितंबर को हुई, जिसमें 23 हजार 181 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। पांचवी आरआईसी रीवा में 23 अक्टूबर को हुई, जिसमें 30 हजार 814 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रदेश की 6वीं आरआईसी नर्मदापुरम में 7 दिसम्बर 2024 को हुई, जिसमें 31 हजार 800 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

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