नई दिल्ली
भारतीय रेलवे आने वाले समय में आठवें वेतन आयोग से बढ़ने वाले वेतन बोझ को संभालने की तैयारी में जुट गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे मेंटेनेंस, खरीद और एनर्जी जैसे सेक्टर में खर्च घटाने के उपाय अपना रहा है, ताकि भविष्य में वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहे। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मकसद यह है कि जब नया वेतनमान लागू हो, तब उस अतिरिक्त खर्च को आसानी से झेला जा सके और रेलवे की कमाई पर ज्यादा दबाव न पड़े।
आठवां केंद्रीय वेतन आयोग जनवरी 2024 में गठित किया गया था। इसकी अध्यक्षता पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करेगा। आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। इससे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी, जिनमें रक्षा कर्मी भी शामिल हैं, और लगभग 69 लाख पेंशनर्स प्रभावित होंगे। आयोग को 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट देनी है, हालांकि जरूरत पड़ने पर अंतरिम रिपोर्ट भी सौंपी जा सकती है।
क्या कहते हैं रेलवे के आंकड़े
रेलवे के वित्तीय आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2024-25 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेशियो (OR) 98.90% रहा, जिससे उसे करीब ₹1,341 करोड़ की शुद्ध आय हुई। 2025-26 के लिए रेलवे ने OR को घटाकर 98.42% तक लाने का लक्ष्य रखा है, जिससे अनुमानित नेट रेवेन्यू ₹3,041 करोड़ तक पहुंच सकता है। अच्छी बात यह भी है कि 2027-28 से रेलवे को IRFC को किए जाने वाले सालाना भुगतान में कमी आने की उम्मीद है, क्योंकि हाल के वर्षों में पूंजीगत खर्च सरकार की बजटीय सहायता (GBS) से किया गया है।
अधिकारियों ने क्या कहा
रेलवे अधिकारियों ने साफ किया है कि फिलहाल नए शॉर्ट-टर्म कर्ज लेने की कोई योजना नहीं है। उनका कहना है कि जब 2027-28 में नए वेतन का असर पड़ेगा, तब तक फ्रेट से होने वाली सालाना कमाई में करीब ₹15,000 करोड़ की बढ़ोतरी हो जाएगी। इससे बढ़े हुए वेतन खर्च को संभालने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि इससे पहले 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था और उसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। आमतौर पर हर 10 साल में वेतन आयोग बनता है। कर्मचारियों को महंगाई से राहत देने के लिए महंगाई भत्ता (DA) भी दिया जाता है, जिसे हर छह महीने में महंगाई दर के आधार पर बढ़ाया जाता है।









