मानव मिशनों की तैयारी: इसरो ने अंतरिक्ष में पौधे उगाने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी हाशिल की

हैदराबाद
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में पौधे उगाने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। हाल ही में इसरो ने लोबिया (ब्लैक-आइड पी) के बीज अंतरिक्ष में अंकुरित करने का सफल प्रयोग किया। यह प्रयास उनके क्रोप प्रोजेक्ट के तहत किया गया था।
मानव मिशनों की तैयारी: इसरो के मिशन के तहत मंगल और चांद जैसे लंबी अवधि के मिशनों के दौरान ताजे भोजन की जरुरत होगी। अंतरिक्ष यात्री सीमित प्री-पैकेज्ड भोजन और मल्टीविटामिन पर निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि समय के साथ अंतरिक्ष यात्री की पोषण गुणवत्ता घट सकती है। इतना ही नहीं पौधे प्रकाश संश्लेषण के दौरान ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो अंतरिक्ष यानों के अंदर वायुमंडल को सांस लेने योग्य बनाए रखने में मदद कर सकता है।  वहीं बताया जाता हैं कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए हरियाली और पौधों का देखभाल करना मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होता है।
अंतरिक्ष में पौधे उगाने की चुनौतियां
माइक्रोग्रैविटी: गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण जड़ें सही दिशा में नहीं बढ़ पातीं। पोषक तत्वों और पानी का प्रवाह जड़ों तक पहुंचाना कठिन होता है।
अंतरिक्ष में तापमान का उतार-चढ़ाव: अंतरिक्ष में तापमान अत्यधिक बदलता है, जो पौधों के लिए प्रतिकूल हो सकता है। माइक्रोग्रैविटी में पानी सतहों से चिपक जाता है, जिससे जड़ों तक इसका पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
अंतरिक्ष में पौधे उगाने की तकनीकें
हाइड्रोपोनिक्स: मिट्टी की बजाय पोषक तत्वों से युक्त पानी का उपयोग। पानी और उर्वरकों की खपत में कमी। पौधों को बिना मिट्टी और माध्यम के हवा में पोषक तत्वों के धुंध से उगाना। पानी की खपत में 98 प्रतिशत तक कमी। मिनी ग्रीनहाउस: इसरो के क्रोपर्स बॉक्स ने एक छोटा ग्रीनहाउस तैयार किया। इसमें मिट्टी, बीज, पानी, और प्रकाश संश्लेषण के लिए एलईडी लाइट्स का उपयोग किया गया।
दरअसल इसरो ने लोबिया के बीजों को उच्च गुणवत्ता वाली मिट्टी में उगाया। मिट्टी में धीमे गति से पोषक तत्व छोड़ने वाले उर्वरक का उपयोग हुआ। चार गर्म और चार ठंडी एलईडी लाइट्स का उपयोग करके दिन और रात की स्थितियां तैयार की गई। प्रयोग के दौरान पौधों को नियंत्रित रूप से पानी और पोषक तत्व दिए गए।
अंतरिक्ष में कौन से पौधे उगाना संभव?
पत्तेदार हरे पौधे: लेट्यूस, पालक, और केला
तेज़ी से बढ़ने वाले, कम स्थान और ऊर्जा की आवश्यकता।
प्रोटीन युक्त फसलें: लोबिया, मटर और बीन।

 

admin

Related Posts

आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसदों का कड़ा रुख, पीएम मोदी के सम्मान पर कोई समझौता नहीं

नई दिल्ली भाजपा सांसदों ने दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में पलटवार करते हुए कहा कि यह बर्दाश्त नहीं…

विश्वव्यापी रिपोर्ट: यौन हिंसा की शिकार महिलाओं की संख्या 100 करोड़ से अधिक, भारत में भी भारी मामलों की पहचान

 नई दिल्ली  2023 में 15 साल से कम उम्र की 1 अरब से ज्यादा महिलाएं बचपन में यौन हिंसा का शिकार हुईं हैं। यह खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है।…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

खेल

राजीव जंजुआ ने सजोबा गोल्फ टूर्नामेंट–2025 में ओवरऑल ग्रॉस खिताब जीता

  • By admin
  • December 14, 2025
  • 0 views
राजीव जंजुआ ने सजोबा गोल्फ टूर्नामेंट–2025 में ओवरऑल ग्रॉस खिताब जीता

U19 एशिया कप में भारत की बड़ी जीत, पाकिस्तान 90 रनों से पराजित

  • By admin
  • December 14, 2025
  • 0 views
U19 एशिया कप में भारत की बड़ी जीत, पाकिस्तान 90 रनों से पराजित

तीसरा टी20 मुकाबला: हर्षित राणा ने किया ब्रेविस का शिकार, साउथ अफ्रीका की हालत खस्ता

  • By admin
  • December 14, 2025
  • 0 views
तीसरा टी20 मुकाबला: हर्षित राणा ने किया ब्रेविस का शिकार, साउथ अफ्रीका की हालत खस्ता

मेसी इंडिया टूर केस में बड़ा फैसला, प्रमोटर को 14 दिनों की पुलिस हिरासत

  • By admin
  • December 14, 2025
  • 0 views
मेसी इंडिया टूर केस में बड़ा फैसला, प्रमोटर को 14 दिनों की पुलिस हिरासत

इतिहास का सबसे घातक अटैक! 1586 विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर ब्रेट ली की मुहर

  • By admin
  • December 14, 2025
  • 0 views
इतिहास का सबसे घातक अटैक! 1586 विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर ब्रेट ली की मुहर

गिल–संजू की जंग के बीच असली गेम-चेंजर पर चुप्पी, आखिर कौन है ये ‘मैच विनर’?

  • By admin
  • December 14, 2025
  • 0 views
गिल–संजू की जंग के बीच असली गेम-चेंजर पर चुप्पी, आखिर कौन है ये ‘मैच विनर’?