रेलवे की नई पहल: वंदे भारत ट्रेनों में लोकल फूड, टिकट बुकिंग में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार आधारित ओटीपी सिस्टम

भोपाल 

 भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर और यादगार सफर देने के लिए लगातार नई पहल कर रहा है. इसी कड़ी में अब वंदे भारत ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को उस क्षेत्र का स्थानीय भोजन चखने का मौका मिलेगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में अधिकारियों के साथ हुई एक समीक्षा बैठक में इस योजना की जानकारी दी. उनका कहना है कि इससे यात्रियों को न केवल आरामदायक यात्रा मिलेगी, बल्कि वे उस इलाके की संस्कृति और खानपान से भी जुड़ सकेंगे.

वंदे भारत ट्रेनों में मिलेगा लोकल फूड
रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत ट्रेनों में स्थानीय भोजन की सुविधा शुरू की जाएगी. उदाहरण के तौर पर, यदि ट्रेन दक्षिण भारत से गुजर रही है तो यात्रियों को वहां के पारंपरिक व्यंजन मिलेंगे, वहीं उत्तर भारत के रूट पर स्थानीय स्वाद परोसा जाएगा. यह योजना पहले वंदे भारत ट्रेनों में लागू होगी और इसके सफल रहने पर इसे चरणबद्ध तरीके से अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा.

फर्जी टिकट बुकिंग पर रेलवे की सख्ती
रेलवे ने टिकट बुकिंग प्रणाली को पारदर्शी और आम यात्रियों के लिए आसान बनाने के लिए फर्जी टिकट बुकिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. रेल मंत्री ने बताया कि फर्जी और संदिग्ध यूजर आईडी के कारण असली यात्रियों को तत्काल टिकट नहीं मिल पाता था. अब इस समस्या से निपटने के लिए कड़ा सिस्टम लागू किया गया है.

3.03 करोड़ फर्जी अकाउंट किए गए बंद
रेलवे और आईआरसीटीसी ने अब तक 3.03 करोड़ फर्जी अकाउंट बंद कर दिए हैं. इसके अलावा 2.7 करोड़ यूजर आईडी को संदिग्ध गतिविधियों के चलते अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है. कड़े सत्यापन के बाद अब आईआरसीटीसी वेबसाइट पर प्रतिदिन करीब 5,000 नए यूजर अकाउंट ही बनाए जा रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या एक लाख तक पहुंच जाती थी.

आधार आधारित OTP सिस्टम लागू
फर्जी बुकिंग रोकने के लिए रेलवे ने आधार-आधारित ओटीपी सिस्टम लागू किया है. यह व्यवस्था अभी 322 ट्रेनों में शुरू हो चुकी है, जिससे तत्काल टिकट कन्फर्म होने की संभावना करीब 65% तक बढ़ गई है. इसके साथ ही आरक्षण काउंटरों पर भी यह सिस्टम 211 ट्रेनों में लागू किया जा चुका है.

एंटी-बॉट तकनीक से मिले बेहतर परिणाम
रेल मंत्री ने बताया कि Akamai जैसी एंटी-बॉट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे फर्जी यूजर्स की पहचान आसानी से हो रही है. इससे असली यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग प्रक्रिया पहले से ज्यादा आसान, सुरक्षित और स्मूथ बन गई है. रेलवे के इन कदमों से यात्रियों को अब बेहतर सुविधा और न्यायसंगत टिकट प्रणाली का लाभ मिल रहा है.

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