The arrangement for rice procurement has opened, causing the government millions in losses under the guise of rice purchases.
Special Correspondent, Sahara Samachaar, Katni
कटनी। धान खरीदी के नाम पर करोड़ों का वारा न्यारा हो रहा है किसानों के खून पसीने की कमाई बर्बाद तो हो ही रही है शासन को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है हर वर्ष यही रवैया अपनाया जाता है जिले के ओपन कैपो में जिम्मेदारों की लापरवाही से किस तरह किसानों से खरीद कर रखी गई करोड़ों की धान खराब हुई। इस बात का पता अब जिले के अलग-अलग थानों में हो रही एफआईआर में सामने आ रहा है।
बड़वारा, बहोरीबंद व रीठी पुलिस के बाद अब बरही पुलिस ने भी ओपन कैप में रखी करोड़ों की धान खराब होने के मामले में एमएस ग्रो ग्रेन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ संतोष साहू, स्टेट हेड सौरभ मालवीय, कंपनी एडवाइजर अखिलेश बिसेन के विरूद्ध संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बरही कृषि उपज मंडी के टेम्परेरी ओपन कैप में रखी करोड़ों मूल्य की धान खराब हुई है।
धान बर्बाद हो जाने के बाद मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन कटनी के जिला प्रबंधक योगेंद्र सिंह सेंगर की शिकायत पर बरही पुलिस ने ओपन कैप संचालक कंपनी के चार अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। बताया जाता है कि सभी जगह मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खरीदी गई धान को ओपन कैप में रखा गया था।
ओपन कैप का संचालन एमएस ग्रो ग्रेन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा किया जा रहा था। बीते दिनों मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन कटनी के जिला प्रबंधक योगेंद्र सिंह सेंगर ने लिखित शिकायती पत्र बड़वारा, बहोरीबंद, रीठी व बरही थाने में दिया था। शिकायती पत्रों की जांच के उपरांत सबसे पहले बड़वारा पुलिस, उसके बाद बहोरीबंद व रीठी पुलिस ने एमएस ग्रो ग्रेन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ संतोष साहू, स्टेट हेड सौरभ मालवीय, कंपनी एडवाइजर अखिलेश बिसेन एवं ओपन कैप सुपरवाइजर संजू रजक के खिलाफ धारा 409, 120, 427 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
वहीं अब बरही पुलिस ने भी एमएस ग्रो ग्रेन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ संतोष साहू, स्टेट हेड सौरभ मालवीय, कंपनी एडवाइजर अखिलेश बिसेन प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है। गौरतलब है कि बड़वारा थाना अंतर्गत ग्राम मझगवां स्थित ओपन कैप में 7 करोड़ की धान खराब होने के मामले में पुलिस ने ओपन कैप संचालक कंपनी के इन्ही अधिकारियों सहित एक सुपरवाइजर के विरूद्ध मामला दर्ज किया था। सवाल यह उठता है कि हर वर्ष यही रवैया रहता है इसका स्थाई समाधान नहीं निकाला जा रहा है