हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य का आमरण अनशन 11वें दिन अनवरत जारी।

The fast unto death of the ascetic Chhawni Peethadhishwar Jagatguru Paramhans Acharya continues for the 11th day continuously for the demand of Hindu Rashtra.

अन्न जल का परित्याग कर खुद को आश्रम के एक कमरे में कर रखा है कैद। समर्थन में उतरे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल ने गदा भेंट कर किया सम्मान।

संतोष सिंह तोमर

अयोध्या। भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे विश्व हिंदू सिक्ख महापरिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष व तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य को उनके सहयोगियों ने आज अनशन के 11 दिन बीतने पर करीब आधा घंटे के लिए अनशन कक्ष से बाहर बुलाया। इस दौरान तपस्वी छावनी में मौजूद श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल के राष्ट्रीय प्रमुख ने संघठन के सदस्यों के साथ आमरण अनशन पर बैठे तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर को हनुमान जी का गदा भेंट कर उनका सम्मान किया। हम आपको याद दिला दें की विश्व हिंदू सिक्ख महापरिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष व तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने विगत 7 नवंबर मंगलवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया था। उन्होंने सुबह 4 बजे से ही अन्न जल का त्याग कर खुद को आश्रम के एक कमरे में बंद कर लिया था वह तब से लेकर आज तक अपने आश्रम पर अन्न जल के बिना खुद को कमरे में बंद किए हुए हैं। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन पर जबरन आमरण अनशन तुड़वाने की साजिश करने का आरोप लगाया है। हम आपको बता दें कि परमहंसाचार्य ने हिंदू राष्ट्र घोषित ना होने पर आमरण अनशन करने की चेतावनी बहुत पहले ही दे दी थी।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी लिख चुके हैं कई पत्र

आमरण अनशन से जगतगुरु परमहंसाचार्य एक बार फिर से सुर्खियों में छा गए हैं। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए वह एक लंबे समय से संवैधानिक लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पूरे देश में घूम- घूमकर हिंदू राष्ट्र की अलख जगाई। हिंदू राष्ट्र की मुहिम से भारत के कई हिंदूवादी संगठनों को भी जोड़ा। उनकी मांग थी कि 6 नवंबर 2023 तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। नही तो 7 नवंबर से अन्न जल का त्याग कर वह आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे इसके लिए वह कई बार देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई, जिसके कारण उन्हें भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित करने हेतु अन्न जल का त्याग कर आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है। इससे पूर्व राममंदिर के लिए उन्होंने 16 दिनों तक आमरण- अनशन किया था जो श्रीरामजन्मभूमि के फैसले में निर्णायक भी साबित हुआ था।

पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बना, भारत हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं

हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर उन्होंने सबसे पहले देश में आवाज उठाई और आमरण अनशन किया। आज हिंदू राष्ट्र की मांग पूरे देश की आवाज बन चुका है। विश्व हिंदू सिक्ख महापरिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष व तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र सौ करोड़ हिंदुओं की मांग है। जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। मुसलमानों को पाकिस्तान और बांग्लादेश दिया गया। जो मुस्लिम राष्ट्र बन चुका है, तो भारत हिंदुराष्ट्र क्यों नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि 1947 के बंटवारे से भारत का जो भाग बचा हुआ है। उसको जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म व मानवता को बचाने के लिए भारत संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र बना बहुत जरूरी है। उनका कहना है कि देश में लगातार लव जेहाद की घटनाएं बढ़ रही हैं। बड़े-बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे लोग सनातन धर्म को मिटाने की चुनौती दे रहे हैं। भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और मानवता को बचाने के लिए भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो इसके लिए हमारी मांग मान ली जाए। नही तो मेरा शरीर छूट जाए कोई बात नहीं एक परमहंस जायेंगे, तो न जानें कितने हजारों-लाखों परमहंस आयेंगे। परमहंसाचार्य के समर्थन में ओजस्वी फाउंडेशन महाराष्ट्र के एकनाथ महाराज, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेशमणि त्रिपाठी समेत उनके तमाम समर्थक आमरण अनशन स्थल पर मौजूद रहते हैं।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल ने दिया है संपूर्ण समर्थन

जगतगुरु परमहंस आचार्य के आमरण अनशन को समर्थन देने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेशमणि त्रिपाठी अनशन शुरू होने के साथ ही तपस्वी छावनी पहुंच गए थे। जहां उन्होंने स्पष्ट कर दिया था श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल जगतगुरु परमहंस आचार्य के हिंदू राष्ट्र की मांग के समर्थन में पूरी तरह खड़ा है। यह कोई नाजायज नहीं बल्कि जायज मांग है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेशमणि त्रिपाठी ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मैं तपस्वी छावनी पहुंचा तो महाराज श्री एक कमरे में अपने आपको बंद करके आमरण अनशन कर रहे थे। पता चला कि पुलिस प्रशासन उनको उठाने के लिए तपस्वी छावनी पहुंच गया था। आज ग्यारह दिन बाद अनशन पर बैठे आचार्य श्री से निवेदन कर उन्हें अनशन कक्ष से बाहर बुलाया। इस दौरान हिंदू राष्ट्र के लिए प्रयत्नशील तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री परमहंस आचार्य को हिन्दू राष्ट्र के लिए शुरू की गई इस लड़ाई में विजय हेतु महाबली श्री हनुमान जी का गदा प्रतीक चिन्ह के रूप में भेंट कर उनका सम्मान किया गया। इस बीच करीब तीस मिनट तक आचार्य श्री अनशन कक्ष से बाहर ही रहे लेकिन तीस मिनट के बाद उन्होंने फिर से अपने आपको तालों के बीच कैद कर लिया। भारत का शायद पहला ऐसा आमरण अनशन होगा। जहां पर किसी अनशनकारी ने खुद की सुरक्षा के लिए अपने आपको तालों में बंद कर रखा हो, ऐसा शायद इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा।

Sahara Samachaar; Sahara India;

संत के आमरण अनशन से बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजेश मणि त्रिपाठी ने महाराज जी के इस आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक जनमानस जिस लिए भाजपा को चुनाव जीताकर यहां पहुंचाया इसका मुख्य आधार इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाया जाना ही था, लेकिन हिंदू राष्ट्र का सपना आम जनमानस का साकार नहीं हुआ। आज एक संत हिंदू राष्ट्र के लिए आमरण आसान कर रहा है और तथा कथित हिंदूवादी सरकार आंख मुद्दे भविष्य में सरकार बनाने के ख्वाबों में डूबी हुई है। श्री राम की अनुकंपा ने और हिंदू व हिंदूवादी संगठनों के अभियान ने आज भाजपा को यहां पहुंचाया है। आज उन्हीं भगवान श्री राम की धरती पर हिंदू राष्ट्र के लिए एक संत आमरण अनशन कर रहा है इससे बबड़े दुर्भाग्य की बात देश और देशवासियों के लिए क्या होगी, क्योंकि रामराज की परिकल्पना तब तक नहीं की जा सकती जब तक श्री राम की इस पवित्र धरती पर संपूर्ण रूप से गौ हत्या बंद नहीं हो जाती और यह तभी संभव होगा, जब यह देश हिंदू राष्ट्र बनेगा। भारत सरकार को खुद ही आगे बढ़कर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए। परमहंस आचार्य के आमरण अनशन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल का पूर्ण समर्थन है और अंत तक रहेगा। जरूरत पड़ी तो श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल परमहंसाचार्य के समर्थन में अयोध्या की गलियों में भी समर्थन जुटाने के लिए निकलेगी ।
    

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