भारतीय-संविधान दिवस आत्मचिंतन का पर्व………..

Indian Constitution Day is a day of introspection

Constitution Day; Indian Constitution; Sahara Samachaar;

सलाहकार संपादक,,शीतला शंकर मिश्रा
हम भारत के लोगों ने 26नवम्बर1949को भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व लोकतंत्रात्मक गण राज्य बनाने के लिए संविधान को अंगीकृत,अधिनियमित व आत्मार्पित किया था।यही संविधान 26जनवरी 1950को लागू किया गया था।विश्व के सबसे बड़े संविधान की 74वीं वर्ष गाँठ का उल्लास स्वाभाविक है, लेकिन निराशा की खाइयाँ ढेर सारी हैं।संविधान दिवस को आत्मचिंतन दिवस के रूप में मनाने की आवश्यकता है।

भारत का संविधान किसी क्रांति का परिणाम नहीं है। ब्रिटिश सरकार ने पराजित क़ौम की तरह भारत नहीं छोड़ा था। स्वाधीनता भी ब्रिटिश संसद के भारतीय स्वतंत्रता क़ानून 1947से मिली। भारतीय संविधान में ब्रिटिशसंसद द्वारा पारित 1935 के अधिनियम की ही अधिकांश बातें हैं।

भारत ने भारत शासन अधिनियम 1935को आधार बनाकर गलती की थी। यह आरोप मै ही लगा रहा हूँ ऐसा नहीं है उस समय के विचारकों, क़ानून विदों ने भी लगाया था और आरोपों का उत्तर देते हुए डाक्टर अम्बेडकर ने स्पष्टीकारण दिया था कि उनसे इसी अधिनियम के आधार की अपेक्षा की गई है। भारत की संसदीय व्यवस्था, प्रशासनिक तंत्र व प्रधानमंत्री ब्रिटिश व्यवस्था की उधारी है। दुःखद है कि भारत ने अपनी संस्कृति व जन गण मन की भावना के अनुरूप अपनी राजव्यवस्था नहीं गढ़ी।जिसका परिणाम आप सबके समक्ष है।एक सैकड़ा से ऊपर संविधान संशोधनों के पश्चात् भी परिस्थितियों में मूल भूत सुधार नहीं हो सका है।

सम्प्रति भारतीय संविधान और गणतंत्र संकट में है। संविधान सभा ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में मात्र 63 लाख 96हज़ार रुपए ही खर्च किये। जम कर बहस हुई,2473संशोधनों पर चर्चा हुई। आज संसद और विधान मंडलों के स्थगन शोर शराबे और करोड़ों रुपयों के खर्च विस्मय कारी हैं।संविधान में शतक से अधिक संशोधन हो चुके हैं। संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है।राजनीति भ्रष्ट उद्योग बन गई है। संविधान के शपथी मंत्री, सांसद, विधायक जेल जा रहे हैं। अनेक जेल में रहकर मंत्री पद के दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। जेल में रहकर अनेक जन प्रतिनिधि चुनाव लड़ रहे हैं, जीत भी रहे हैं।निराशा की खाईं गहरी है , राष्ट्रीय उत्सव अब उल्लास नहीं पाते। संवैधानिक संस्थाएँ धीरज नहीं देतीं। आम जन हताश और निराश हैं। राजनीतिक अड्डों में ही गण तंत्र के उल्लास का जग मग आकाश है 15-20%लोग ही संविधान के सुख और गणतंत्र के माल से अघाए हैं। शेष अस्सी प्रतिशत लोग भुखमरी में हैं। बावजूद इसके अर्थव्यवस्था मोदी मय है और राजनीतिक व्यवस्था गणतंत्र विरोधी है।मेरी दृष्टि में संविधान दिवस राष्ट्रीय आत्मचिंतन का पर्व होना चाहिए।
जयहिंद

Related Posts

शनि त्रयोदशी का दिन शनिदेव और भगवान शिव को समर्पित, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

शनि त्रयोदशी का दिन शनिदेव और भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शिव और शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान…

24 दिसम्बर मंगलवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

मेष राशि- आज का दिन शानदार साबित हो सकता है। धन-लाभ होने के योग बन रहे हैं। लेकिन खर्च पर पकड़ रखने की भी जरूरत है। काम के सिलसिले में…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

संभल में हिंसा के बाद पुलिस ने सात और आरोपियों को किया गिरफ्तार, कुल संख्या 47 हुई

  • By admin
  • December 24, 2024
  • 0 views
संभल में हिंसा के बाद पुलिस ने सात और आरोपियों को किया गिरफ्तार, कुल संख्या 47 हुई

इसरो के चेयरमैन ने कहा- चांद पर अब इंसान भेजने की भी हो गई तैयारी, बताया किस साल लहराएगा तिरंगा

  • By admin
  • December 24, 2024
  • 0 views
इसरो के चेयरमैन ने कहा- चांद पर अब इंसान भेजने की भी हो गई तैयारी, बताया किस साल लहराएगा तिरंगा

उत्तर प्रदेश में 200 करोड़ पर्यटकों ने किया यूपी का दीदार, देश के पर्यटन का नया ग्रोथ इंजन बना दिया

  • By admin
  • December 24, 2024
  • 0 views
उत्तर प्रदेश में 200 करोड़ पर्यटकों ने किया यूपी का दीदार, देश के पर्यटन का नया ग्रोथ इंजन बना दिया

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के चलते हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले तीन नेशनल हाइवे बंद, चार लोगों की मौत

  • By admin
  • December 24, 2024
  • 0 views
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के चलते हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले तीन नेशनल हाइवे बंद, चार लोगों की मौत

नक्सलियों के कोर इलाके में आगे बढ़ी फोर्स, नक्सलियों ने दागे बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, दो जवान घायल

  • By admin
  • December 24, 2024
  • 0 views
नक्सलियों के कोर इलाके में आगे बढ़ी फोर्स,  नक्सलियों ने दागे बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, दो जवान घायल

हमास नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या करवाई थी इजरायल ने पहली किया स्वीकार

  • By admin
  • December 24, 2024
  • 0 views
हमास नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या करवाई थी इजरायल ने पहली किया स्वीकार