बच्चों से थाली साफ करा रहा है एकीकृत शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय झुंडपुरा
रसोई घर पर मीनू अनुसार का चार्ट भी नहीं छपा है और दुसरी ओर भोजन बनाने वाले स्वसहायता समूह का नाम भी अंकित नही है
झुंडपुरा
शासन के द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बच्चों को संतुलित एवं पोषण युक्त आहार मिल सके इसलिए मिड डे मील योजना शासन के द्वारा स्व सहायता समूहों के माध्यम से विद्यालय में शुरू की गई जिससे व्यापक स्तर पर साक्षरता दर में अत्यधिक वृद्धि हुई सुदूर ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में इस योजना के माध्यम से स्कूल में पढ़ने आने वाले बालक एवं बालिकाओं को भरपेट भोजन के साथ साथ संतुलित एवं पोषण युक्त आहार मिलने से उनके कुपोषण में कमी आई और स्वास्थ्य में वृद्धि हुई वहीं दूसरी ओर झुंडपुरा नगर परिषद के अंर्तगत आने वाले विद्यालययों की स्तिथि शासन की मनसा के बिल्कुल विपरीत है ऐसा ही मामला ऐकीकृत शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय झुंडपुरा पर देखने को मिलाजिसमें बच्चे खाना खाने के बाद अपने बर्तन स्वयं साफ करते नजर आए जो के नियमों के विरुद्ध है इसके लिए शासन ने रसोईया नियुक्त कर रखी हैं जो के सिर्फ कागजों में ही दर्ज हैं मुख्य बात यह है कि यहां बच्चे विद्यालय में भोजन करने के बाद खुद ही थाली साफ करने के लिए मजबूर है दूसरी ओर विद्यालय का रसोई घर स्थाई रूप से लगभग विगत तीन माह से बंद है लेकिन छात्र अनुपात के हिसाब से रसोइयां नियुक्त है लेकिन सभी राशोइयाँ भोजन बनाने नहीं जाती है और वह घर बैठे ही हर माह का के वेतन का आहरण प्रतिमाह प्राप्त हो रहा है जो कि शासन के नियमों के विरूद्ध है दुसरी ओर भोजन भी मीनू अनुसार नहीं बन रहा है जिसके कारण मध्यान भोजन की पंजी आधारित रिपोर्ट भी गलत बनाई जा रही है जिससे स्पष्ट होता है की छात्रों की संख्या में फेरबदल कर मध्यान भोजन की पंजी में उपस्तीथी संख्या बड़ाकर दर्शाई जाती है इस विषय में जब प्रधाना अध्यापिका विद्यालय में अनुपस्थित पाई गई जब उनसे इस विषय पर फ़ोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि में अभी तीन दिन के अवकाश पर हूं।
वर्जन-
बालकों के द्वारा विद्यालय में भोजन की थाली साफ करना नियमों के विरुद्ध है अगर ऐसा हुआ है ऐसा है तो मैं कल इसकी जांच करवाता हूं और संबधितों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।
मानिकचंद धाकड़ बीआरसी सबलगढ़









