A massive fire broke out in the forest near the buffer zone, forest staff engaged in extinguishing it.
दमोह ! तेज हवाओं के कारण वन अमले को आग बुझाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी ओर देर शाम तक वन अमला आग बुझाने में जुटा रहा। जंगल में आग लगने से कई वन्य जीवों के रहवास भी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
दमोह के मड़ियादो बफरजोन में कलकुआ के पास जंगल में शनिवार दोपहर भीषण आग लग गई और आग इतनी भीषण थी कि दूर से ही आग की लपटें और धुआं दिखाई दे रहा था। वन परिक्षेत्र अधिकारी हृदेश हरि भार्गव अमले के साथ मौके पर पहुंचे और आग पर नियंत्रण पाने लिए प्रयास शुरू किए गए।
गर्मी शुरू होने से साथ जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। इस आग से जंगल में लगे वनस्पति पौधे, पेड़ , छोटे जीव आदि जल जाते है। शनिवार दोपहर तेज हवाओं के कारण आग विकराल हो गई और जंगल के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगने का कारण अज्ञात है। तेज हवाओं के कारण वन अमले को आग बुझाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी ओर देर शाम तक वन अमला आग बुझाने में जुटा रहा। जंगल में आग लगने से कई वन्य जीवों के रहवास भी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि यह क्षेत्र पन्ना टाइगर रिजर्व का हिस्सा है और यहां तेंदुआ, नीलगाय और चीतल जैसे कई वन्यजीव हर समय बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं। बता दें कि सड़क के दोनों ओर घास-फूस लगी है। जिससे राहगीरों द्वारा बीड़ी पीने के दौरान फेंकी गई जलती तीली के कारण आग लगने का अंदेशा है। इसके अलावा महुआ-आचार के पेड़ के नीचे सफाई और गर्मी अधिक करने के लिए भी लोग आग लगाते हैं जो जंगल में फैल जाती है। शनिवार दोपहर लगी आग से कितना नुकसान हुआ व वन्य जीव जलने संबंधी कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है अधिकारी आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। शनिवार रात तक आग नहीं बुझाई जा सकी थी।
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