स्वतंत्र फिलिस्तीन के पक्ष में भारत का स्पष्ट रुख, अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिया समर्थन

न्यूयॉर्क
 संयुक्त राष्ट्र महासभा में  ‘न्यूयॉर्क घोषणा’ पर ऐतिहासिक मतदान हुआ. भारत ने फिलिस्तीन के स्वतंत्र राष्ट्र की मांग के पक्ष में जोरदार समर्थन जताया. इस घोषणा के पक्ष में 142 देशों ने वोट दिया, जबकि 10 ने विरोध किया और 12 देशों ने मतदान से परहेज किया. भारत का यह रुख नया नहीं है. दशकों से भारत दो-राष्ट्र समाधान का समर्थक रहा है और हमेशा से फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र मान्यता दिलाने की कोशिशों के साथ खड़ा रहा है. इस बार भी भारत ने साफ संदेश दिया कि पश्चिम एशिया की स्थायी शांति तभी संभव है, जब फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिले.

न्यूयॉर्क घोषणा क्या कहती है?

‘न्यूयॉर्क घोषणा ऑन द पीसफुल सेटलमेंट ऑफ द क्वेश्चन ऑफ फिलिस्तीन एंड द इंप्लीमेंटेशन ऑफ द टू-स्टेट सॉल्यूशन’ नामक इस प्रस्ताव को फ्रांस और सऊदी अरब ने पेश किया. इसमें कहा गया है कि गाजा युद्ध खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं और एक न्यायपूर्ण, स्थायी समाधान केवल दो-राष्ट्र फार्मूले से ही संभव है.

घोषणा में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साफ शब्दों में 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए हमलों की निंदा की है. इसमें मांग की गई कि हमास सभी बंधकों को रिहा करे और गाजा से सत्ता छोड़कर अपने हथियार फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दे.

भारत का स्टैंड क्या है?

भारत ने इस घोषणा का समर्थन कर फिर से स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ है और फिलिस्तीन के लिए न्यायपूर्ण समाधान चाहता है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत का मानना है कि हिंसा और चरमपंथ को किनारे रखकर ही क्षेत्र में शांति लाई जा सकती है.

यूरोप और अरब देशों का दबाव

इस घोषणा को अरब लीग पहले ही समर्थन दे चुकी है और फ्रांस ने ऐलान किया है कि 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में वह औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देगा. कई अन्य यूरोपीय नेताओं ने भी इसी तरह की घोषणा का संकेत दिया है. इसे इजरायल पर दबाव बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.

इजरायल का तीखा विरोध

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को साफ कहा कि फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा कभी नहीं मिलेगा. वहीं, अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को संभवतः न्यूयॉर्क सम्मेलन में वीजा नहीं दिया जाएगा.

admin

Related Posts

जनता बनाम सरकार: भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद बुल्गारियाई पीएम ने गंवाई सत्ता

बुल्गारिया बुल्गारिया में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए हैं। बुल्गारिया की सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर लोगों का गुस्सा फूटा है। बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में…

मुद्रास्फीति पर ब्रेक! नवंबर की खुदरा महंगाई दर सिर्फ 0.71% रही

नई दिल्ली  भारत में खुदरा महंगाई दर नवंबर में 0.71 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर की महंगाई दर 0.25 प्रतिशत से 46 आधार अंक अधिक है। यह जानकारी सांख्यिकी…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

खेल

SMAT में नीतीश की हैट्रिक ने मचाया तहलका, पाटीदार सहित तीन बल्लेबाज़ ढेर

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 1 views
SMAT में नीतीश की हैट्रिक ने मचाया तहलका, पाटीदार सहित तीन बल्लेबाज़ ढेर

रिटायरमेंट से वापसी क्यों की? क्विंटन डिकॉक का बड़ा खुलासा, भावुक बयान वायरल

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 1 views
रिटायरमेंट से वापसी क्यों की? क्विंटन डिकॉक का बड़ा खुलासा, भावुक बयान वायरल

गिल बनाम सैमसन विवाद गरमाया: इरफान पठान ने मैनेजमेंट की पोल खोली

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 0 views
गिल बनाम सैमसन विवाद गरमाया: इरफान पठान ने मैनेजमेंट की पोल खोली

न्यूजीलैंड की वेस्टइंडीज पर जीत से भारत को लगा झटका, WTC तालिका में पाकिस्तान से भी नीचे खिसका

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 2 views
न्यूजीलैंड की वेस्टइंडीज पर जीत से भारत को लगा झटका, WTC तालिका में पाकिस्तान से भी नीचे खिसका

जूनियर महिला हॉकी विश्व कप: कड़े मुकाबले में स्पेन से हार, भारत टॉप-10 की आखिरी पायदान पर

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 3 views
जूनियर महिला हॉकी विश्व कप: कड़े मुकाबले में स्पेन से हार, भारत टॉप-10 की आखिरी पायदान पर

टी20 ओपनर तुलना: शुभमन गिल और संजू सैमसन के प्रदर्शन का बारीक विश्लेषण

  • By admin
  • December 12, 2025
  • 3 views
टी20 ओपनर तुलना: शुभमन गिल और संजू सैमसन के प्रदर्शन का बारीक विश्लेषण