MP में पांच दिन में बदल दिए 10482 अधिकारी-कर्मचारी, DGP की पहल पर फेरबदल

भोपाल 
इस माह के अंत तक प्रदेश के थानों में तैनात पुलिस कर्मियों के चेहरे बदले-बदले नजर आएंगे। कारण यह कि एक सप्ताह के भीतर डीजीपी कैलाश मकवाणा के निर्देश पर जारी तीन आदेश हैं। इसमें सबसे बड़ा बदलाव तो यह होने वाला है कि चार साल से एक ही थाने में जमे पुलिसकर्मी हटाए जाएंगे।

जिलों से पुलिस मुख्यालय को भेजी गई जानकारी के अनुसार इनकी संख्या आठ हजार से अधिक है। इनमें आरक्षक से लेकर उप निरीक्षक तक सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त एक ही अनुभाग में दस साल से अधिक समय से काम कर रहे पुलिसकर्मियों का तबादला करने के आदेश दिए गए हैं। यही नहीं जिनके विरुद्ध जांच लंबित है, उन्हें भी हटाने का निर्देश है।

थानों में बड़ा फेरबलद दिखाई देगा

इन आदेशों का पालन करने से थानों में बड़ा फेरबदल दिखाई देगा। इन आदेशों के तहत 12 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों का तबादला संभावित है। पहली बार एक साथ इस तरह से बदलाव की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और आमजन की शिकायतें कम होंगी।

मध्यप्रदेश पुलिस में 5 दिन में 10482 पुलिसकर्मियों के तबादले हुए 

मपी पुलिस में बीते पांच दिनों में सब डिवीजन में पदस्थ सिपाही से सब इंस्पेक्टर तक के 10482 पुलिसकर्मियों का तबादला हुआ है। पुलिस मुख्यालय ने प्रदेशभर में 4 साल से अधिक समय से थानों में जमे पुलिसकर्मियों के तबादले के निर्देश दिए थे। इंदौर पुलिस कमिश्नरेट में सबसे अधिक 1029 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर हुआ है। ट्रांसफर किए गए सभी पुलिसकर्मियों को 1 हफ्ते के अंदर ही नई जगह ज्वाइनिंग भी करनी है। 

5 दिन में 10,482 तबादले

    आरक्षक, प्रधान आरक्षक, ASI और SI के तबादले
    4 साल से एक थाने में जमे पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर
    पुलिस मुख्यालय ने 11 जून सभी एसपी को दिए थे निर्देश
    DGP कैलाश मकवाना की पहल पर हुई बड़ी सर्जरी
    5 दिन में प्रदेश के 1100 थानों में ट्रांसफर की कार्रवाई हुई
    10482 पुलिस कर्मियों को किए ट्रांसफर
    15 सूबेदार, 196 SI, 1083 ASI 
    3622 हेड कांस्टेबल, 5566 कांस्टेबल के ट्रांसफर
    सबसे ज्यादा इंदौर में 1029 तबादला 
    ग्वालियर में 828 
    भोपाल में 699 
    जबलपुर में 535 पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर

 

16 जून तक तबादला प्रोसेस पूरी करने के थे निर्देश

यह कार्रवाई 11 जून को स्पेशल डीजी प्रशासन शाखा आदर्श कटियार द्वारा जारी आदेश के बाद शुरू हुई। सभी जिलों को 16 जून तक तबादला प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए थे। डीजीपी कैलाश मकवाणा ने इसे पुलिस तंत्र में सुधार, निष्पक्षता और पारदर्शिता लाने की दिशा में जरूरी कदम बताया। इस पूरी प्रक्रिया की उच्चस्तर पर मॉनिटरिंग की गई। 

इंदौर में सबसे ज्यादा तबादले

    एमपी पुलिस में 5 दिनों में 5 कैटेगरी के में अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले हुए।  जिसमें हवलदार, एएसआई, एसआई और कांस्टेबल शामिल हैं। एमपी के 1100 थानों में हुए ट्रांसफर में से इंदौर में सबसे ज्यादा इंदौर पुलिस कमिश्नरेट में 1029 तबादले हुए। वहीं ग्वालियर में 828, भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में 699, जबलपुर में 535 और नर्मदापुरम में 372 पुलिसकर्मियों के तबादले हुए।

‘दागदार’ पुलिसवालों पर अब कड़ी नजर

तबादले के तुरंत बाद एक और आदेश जारी कर दिया गया। इसके तहत थानों में अब किसी भी दागी पुलिसकर्मी की पोस्टिंग नहीं की जाएगी। जिन पर भ्रष्टाचार, नैतिक गिरावट, मारपीट या अवैध गतिविधियों के आरोप हैं, वे थाने या क्राइम ब्रांच में तैनात नहीं किए जाएंगे। आपराधिक मामलों में जांच या कोर्ट केस झेल रहे पुलिसकर्मी भी इससे बाहर रहेंगे। केवल दुर्घटना से जुड़े केस वाले इससे अछूते रहेंगे।

चार साल से एक थाने में जमे पुलिसकर्मी हटेंगे

मुख्यालय के निर्देश पर तीन श्रेणी के पुलिसकर्मियों को चिह्नित किया जा रहा है। चार वर्ष से एक ही थाने में जमे पुलिसकर्मियों की जानकारी 16 जून तक पुलिस मुख्यालय को भेजने के लिए आदेशित किया गया था। अभी तक की जानकारी के अनुसार यह आंकड़ा लगभग आठ हजार है। दूसरा आदेश, दागी पुलिसकर्मियों को थाना, चौकी और कार्यालयों में पदस्थापना में नहीं रखने को लेकर है।

मुख्यालय की तरफ से पहले भी इस संबंध में आदेश जारी किए गए थे, पर जिलों में अमल नहीं किया गया। इस कारण मंगलवार को पुलिस मुख्यालय ने फिर आदेश जारी कर सख्ती से लागू कराने के लिए कहा है। हर थाने में तीन से चार पुलिसकर्मी ऐसे हो सकते हैं जिनके विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध हैं या विभागीय जांच चल रही है।

ऐसे में इनकी संख्या भी तीन हजार से चार हजार के बीच हो सकती है। अन्य को मिला लें तो यह आंकड़ा 12 हजार से अधिक रहेगा। कुछ जिलों में चार वर्ष से अधिक समय से जमे पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित करने का काम भी प्रारंभ हो गया है।

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