इंदौर-3 से कांग्रेस ने पिंटू जोशी (दीपक)को उम्मीदवार बनाया है।इनके पिता स्व.महेश जोशी संजय गांधी के करीबी थे।कमलनाथ और महेश जोशी दोनों युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महा.थे।दिग्विजय सरकार में भी महेश जोशी रसूख़दार मंत्री थे।इनके चचेरे भाई अश्विन जोशी भी 3 बार इस सीट से विधायक रहे है।
निवाड़ी से कांग्रेस ने बड़ा दांव चलते हुए भाजपा नेता अमित राय को उम्मीदवार बनाया है अमित राय की माँ निवाड़ी जिपं की अध्यक्ष है।ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस यहां रोशनी यादव पर दांव चल सकती है लेकिन मीरा यादव के सपा से चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस ने रोशनी को टिकट देना उचित नही समझा।
कांग्रेस ने ग्वालियर से सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया था इनका मुकाबला सिंधिया समर्थक मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से है पिछला उपचुनाव भी ये प्रद्युमन सिंह तोमर के खिलाफ लड़े थे जहां इन्हें काफी मतों से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।सुनील क्षेत्र में काफी एक्टिव रहने वाले नेता माने जाते है।
खुरई सीट से कांग्रेस पार्टी ने रक्षा राजपूत को अपना उम्मीदवार बनाया है रक्षा पिछले कई वर्षों से खुरई में सक्रिय है उनका मुकाबला प्रदेश के कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह से है खुरई भाजपा की बेहद मजबूत सीट मानी जाती है,भूपेंद्र सिंह ने यहां भाजपा की जड़े को गांव-गांव में जमाया है।
कांग्रेस पार्टी ने खातेगांव से मप्र की राजनीति के संत कहे जाने वाले स्व कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया है।दीपक जोशी 2003 से लेकर 2018 तक विधायक रह चुके है।पिछला चुनाव वह हार गए थे।वही खातेगांव से भाजपा ने आशीष शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस ने सीधी से ज्ञान सिंह को उम्मीदवार बनाया है ज्ञान सिंह वर्तमान में सीधी जिला कांग्रेस के अध्यक्ष है।वह अजय सिंह के बेहद करीबी है वहां भाजपा ने रीति पाठक को उम्मीदवार बनाया है वहीं भाजपा के वर्तमान विधायक केदारनाथ टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है।
कांग्रेस पार्टी ने मुरैना से दिनेश गुर्जर को अपना उम्मीदवार बनाया है।पार्टी ने यहां से अपने वर्तमान विधायक राकेश मावई की टिकट काट कर दिनेश गुर्जर को उम्मीदवार बनाया है है यह सीट गुर्जर बहुल्य है।फिलहाल दिनेश गुर्जर किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा की परंपरागत सीट रहली से इंजीनियर ज्योति पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है।ज्योति वर्तमान में जिला पंचायत की सदस्य है कांग्रेस ने यहां ओबीसी कार्ड चला है अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के इस अभेद किले पर ज्योति सेंध लगाने में कामयाब होती है या नहीं!
कांग्रेस पार्टी ने भिंड से चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है जब से वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए थे तब से वह नेपथ्य में चल रहे थे कांग्रेस पार्टी ने उन्हें एक नया राजनीतिक जीवन दान दिया है अब देखना होगा वह इस अवसर को किस तरह भुनाते हैं।
कांग्रेस पार्टी ने रीवा से इंजी.राजेंद्र शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है ये वर्तमान में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हैं उनकी छवि साफ सुथरी है ये अच्छे उद्यमी भी है।वही यह सीट भाजपा की मजबूत सीटों में एक है यहां इनका मुकाबला मंत्री राजेंद्र शुक्ला से है जो मजबूत स्थित में है।
कांग्रेस ने मैहर से धर्मेश घई को उम्मीदवार बनाया है धर्मेश घई मैहर नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके है यह पंजाबी समाज से आते हैं जिनकी संख्या मैहर में बहुत कम है।यह सीट ब्राह्मण-कुर्मी बाहुल्य है इसके बाद भी पार्टी ने इनको उम्मीदवार बनाया है।ये अजय सिंह व प्रवीण कक्कड़ के करीबी है।
कांग्रेस ने निधि जैन को सागर से विधानसभा का उम्मीदवार बनाया है निधि हाल ही में सागर नगर निगम का चुनाव लड़ी थी जहां उन्हें शिकायत झेलनी पड़ी थी।इनका मुकाबला इनके पति के सगे बड़े भाई शैलेंद्र जैन से होगा जो वर्तमान में सागर के विधायक व भाजपा के उम्मीदवार हैं।
देवतलाव से कांग्रेस ने पद्मेश गौतम को उम्मीदवार बनाया है ये वर्तमान विस अध्यक्ष एवं भाजपा उम्मीदवार गिरीश गौतम के सगे भतीजे हैं।इन्होंने हाल ही में हुए पंचायती चुनाव में विस अध्यक्ष के बेटे राहुल गौतम को जिला पंचायत के चुनाव में करारी शिकायत दी थी,यही इनके टिकट पाने का आधार बना।
कांग्रेस पार्टी ने सिरमौर की सामान्य सीट से रामगरीब आदिवासी को टिकट देकर बड़ा दांव चला है।रामगरीब आदिवासी कोल समाज के बड़े नेता है।इनका मुकाबला रीवा राजघराने की युवराज दिव्यराज सिह से होगा।कमलनाथ ने राजा के सामने रंक को मैदान में उतार दिया है।ये वही रामगरीब आदिवासी है जो 2008 में में तत्कालीन मंत्री स्व.रमाकांत तिवारी को त्योंथर से चुनाव हरा दिया था।कमलनाथ इनके मुरीद है।कमलनाथ ने बड़े-बड़े धन्ना सेठों की जगह एक गरीब आदिवासी पर दांव चला है विन्ध्य में कोल मतदाता कई विधानसभा में निर्णायक है कमलनाथ का यह दांव चल गया तो भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है!
कहते है ना जो दौड़ता है उसका भाग्य भी दौड़ता है! इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अभय मिश्रा है उन्हें जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि भाजपा ने उनका टिकट काट दिया है फौरन वह कांग्रेस से टिकट पाने के लिए जुट गए,दिल्ली-भोपाल को एक कर डाला और आखिरकार टिकट पाने में सफल हो गए।आज उनकी जीवटता की चर्चा हर जगह हो रही है।अभय एक लड़ाई तो जीत चुके है लेकिन अभी मुख्य लड़ाई जीतना बाकी है चुनाव में उनके सामने भाजपा के मजबूत उम्मीदवार केपी त्रिपाठी होंगे जिनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ देखी जा रही है गांव-गांव उन्होंने कार्यकर्ताओं की फौज तैयार की है।अभय के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अंदर भी खूब है अब देखना होगा वह उनसे किस प्रकार निपटते हैं!रीवा जिले की यह सबसे हॉट सीट है सेमरिया में एक बार अभय और एक बार उनकी पत्नी चुनाव लड़ी है दोनों विजयी हुए है KP त्रिपाठी भी एक बार ही चुनाव लड़े हैं वह भी विजय हुए है लेकिन इस बार सेमरिया की जनता असली विजेता का चयन करेगी!